हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
اِنَّ الله لایَرفَعُ اِلَیهِ دُعاءَ عَبدٍ فی بَطنِهِ حرامٌ أَو عِندَهُ مَظلِمةٌ لِأَحَدٍ مِن خَلقِه.
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अल्लाह तआला उस आदमी की दुआ कबूल नहीं करता जिसका पेट हराम लुकमा से भरा हो या उसने खुदा की मख्लूक पर जुल्म किया हो।
बिहारूल अनवार,भाग 93,पेंज 321
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